तुम्हारा आना
किसी तमन्ना का पूरा हो जाना .
और चले जाना
किसी दिल - ऐ -जज़्बात का अधूरा रह जाना
ये कैसी कश्मकश है ,
इस दिल के साथ आज
इक इज़हार का -
खामोशी का ग़ुलाम हो जाना
ऐसा बार -बार क्यों ,
कर गुज़रना पड़ता है ?
किसी से एक लम्हा रूबरु होकर
दूजे में में अजनबी बन जाना .
कुछ लाज़मी सी बात है
बस यूँ ही ज़ाहिर कर देने की ,
पर अफ़सोस , उस बात का
ज़बान का क़ैदी बन जाना .
किसी तमन्ना का पूरा हो जाना .
और चले जाना
किसी दिल - ऐ -जज़्बात का अधूरा रह जाना
ये कैसी कश्मकश है ,
इस दिल के साथ आज
इक इज़हार का -
खामोशी का ग़ुलाम हो जाना
ऐसा बार -बार क्यों ,
कर गुज़रना पड़ता है ?
किसी से एक लम्हा रूबरु होकर
दूजे में में अजनबी बन जाना .
कुछ लाज़मी सी बात है
बस यूँ ही ज़ाहिर कर देने की ,
पर अफ़सोस , उस बात का
ज़बान का क़ैदी बन जाना .
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