आज फिर किसी का ख्याल है
पर शायद फिर वही सवाल है ..
उसी दो - राहे पर दिल है आज
जिसके पास, आज फिर से न कोई कोई जवाब है
इन खामोशियों में सिमटती मेरी सांसें
पूछती हैं -ये कौन सा नया मेहमान है
इस तूफ़ान में फिर से बेनिशाँ होगा उसका जहाँ
ये दिल - ए- शहर ,आज फिर उसी तरह तैयार है
कौन से निशां छोड़ जायेंगे उसके कदम
आज ये किसे परवाह है
क्योंकि -आज इस दिल को फिर किसी का ख्याल है
पर शायद फिर वही सवाल है .-
उसी दो - राहे पर दिल है आज
जिसके पास, आज फिर से न कोई कोई जवाब है
इन खामोशियों में सिमटती मेरी सांसें
पूछती हैं -ये कौन सा नया मेहमान है
इस तूफ़ान में फिर से बेनिशाँ होगा उसका जहाँ
ये दिल - ए- शहर ,आज फिर उसी तरह तैयार है
कौन से निशां छोड़ जायेंगे उसके कदम
आज ये किसे परवाह है
क्योंकि -आज इस दिल को फिर किसी का ख्याल है
पर शायद फिर वही सवाल है .-
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