शाम हो चुकी है बेशक पर-
आसमान में एक परिंदा बाकी है
उड़ रहा है अनंत दिशा में
जबकि कोशिशें नाकाफी है
एक गाँव जल था परसों - नरसों
ख़ाक मिटटी तक हो गई थी
पर, वो गाँव कह रहा है अब भी -
वहां एक बाशिंदा बाकी है .
कई इम्तेहानों के शोलों से
बेपरवाह गुज़रे हैं अक्सर ,
सामने शायद धुआं - सा है
यही आखिरी इम्तेहान बाकी है
किसी दूजे जहाँ की खुशब अक्सर
हवाओं में बहती आती है
दिल के दरवाज़े खोल दो-
अब बस इसका मचलना बाकी है .....
शाम हो चुकी है बेशक पर-
आसमान में एक परिंदा बाकी है......
आसमान में एक परिंदा बाकी है
उड़ रहा है अनंत दिशा में
जबकि कोशिशें नाकाफी है
एक गाँव जल था परसों - नरसों
ख़ाक मिटटी तक हो गई थी
पर, वो गाँव कह रहा है अब भी -
वहां एक बाशिंदा बाकी है .
कई इम्तेहानों के शोलों से
बेपरवाह गुज़रे हैं अक्सर ,
सामने शायद धुआं - सा है
यही आखिरी इम्तेहान बाकी है
किसी दूजे जहाँ की खुशब अक्सर
हवाओं में बहती आती है
दिल के दरवाज़े खोल दो-
अब बस इसका मचलना बाकी है .....
शाम हो चुकी है बेशक पर-
आसमान में एक परिंदा बाकी है......
wow.. good one..! :)
ReplyDeletethanks shivani...
Deletekaun hain yeh ek parinda aur kyu ruka hua hain abhi tak aasman main?
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