Thursday, September 27, 2012

तुम ज़रा सा मुस्कुराओ,

तुम ज़रा सा मुस्कुराओ,
ज़िन्दगी मुस्कुराएगी.

तुम ज़रा सा गुनगुनाओ,
 ज़िन्दगी गीत गाएगी

हर सांस के एहसास को,
ख्वाहिशों ने जो बंद रखा है.

तुम ज़रा-सा जी जाओ,
ज़िन्दगी जी जाएगी.

कोशिशें हो हर बार ये -
कि वो  बातें जिंदा रह सकें.

फिर ढूंढना न होगा हर बार यूँ ही,
वो  ज़िन्दगी तुम्हारी, तुम्हें तुम्हें मिल जाएगी.

तुम ज़रा सा मुस्कुराओ,
ज़िन्दगी मुस्कुराएगी......



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